भारतीय इतिहास के एक प्रमुख व्यक्ति तानाजी मालुसरे ने 17वीं शताब्दी के दौरान मराठा साम्राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल में 1670 में सिंहगढ़ की लड़ाई में उनके नेतृत्व के लिए जाना जाता है।

शिवाजी महाराज के भरोसेमंद लेफ्टिनेंट तानाजी ने उदयभान राठौड़ के नेतृत्व वाली मुगल सेना से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सिंहगढ़ किले पर कब्जा करने के एक साहसी मिशन का नेतृत्व किया।

भारी बाधाओं से लड़ने के बावजूद, तानाजी और उनकी सेना एक साहसी रात की छापेमारी में सिंहगढ़ किले की खड़ी चट्टानों पर चढ़ने में कामयाब रही।

सिंहगढ़ की लड़ाई भयंकर थी, लेकिन तानाजी मालुसरे ने अनुकरणीय साहस और वीरता के साथ लड़ाई लड़ी, जिससे उनके सैनिकों को विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।

तानाजी ने संघर्ष के बीच दुखद रूप से अपना जीवन खो दिया, लेकिन सिंहगढ़ की लड़ाई में उनके बलिदान और बहादुरी का जश्न भारतीय लोककथाओं और इतिहास में सदियों से मनाया जाता  है।