कुलधरा राजस्थान में जैसलमेर से 18 किलोमीटर पश्चिम में स्थित एक परित्यक्त गाँव है।यह अपने रहस्यमय परित्याग और भयानक वातावरण के कारण "Ghost Village" के रूप में प्रसिद्ध है।
इस गांव में पालीवाल ब्राह्मणों का निवास था जो लगभग 200 साल पहले रातोंरात गायब हो गए थे।किंवदंती है कि स्थानीय शासक के अत्याचार और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण वे चले गए।
ग्रामीण अपने घर और सामान पीछे छोड़ गए, जिससे उनके अचानक गायब होने का रहस्य और बढ़ गया।उनके अभिशाप की कथा इस विश्वास को बढ़ावा देती है कि गाँव प्रेतवाधित है।
आज कुलधरा एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है।टूटे-फूटे घरों और सुनसान सड़कों के साथ यह गांव वीरान पड़ा हुआ है।इसका भयानक माहौल आगंतुकों को इसके इतिहास और अलौकिक आभा से आकर्षित करता है।
कुलधरा दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है।पर्यटक खंडहरों का पता लगा सकते हैं और गांव के रहस्यमय माहौल का अनुभव कर सकते हैं।सुरम्य रेगिस्तानी परिदृश्य इस स्थल के आकर्षण को बढ़ाता है।
राजस्थान सरकार ने कुलधरा को विरासत स्थल के रूप में संरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं।प्रयासों में शेष संरचनाओं और कलाकृतियों की सुरक्षा के लिए संरक्षण उपाय शामिल हैं।
कुलधरा का परित्याग राजस्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गतिशीलता को दर्शाता है।इसकी लोककथाएँ और किंवदंतियाँ इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में योगदान देती हैं।
पर्यटक सुनसान सड़कों पर घूम सकते हैं और परित्यक्त घरों का पता लगा सकते हैं। यह गाँव समय में पीछे जाने और अपने अतीत का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
राजस्थान का भूतिया गांव, कुलधरा, रोमांच और इतिहास की तलाश करने वाले यात्रियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है।