हम्पी के प्राचीन शहर में आपका स्वागत है, जहां राजसी विरुपाक्ष मंदिर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रमाण के रूप में खड़ा है।

विरुपाक्ष मंदिर की जड़ें 7वीं शताब्दी ईस्वी में मिलती हैं, जब इसकी स्थापना विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल के दौरान हुई थी।

विरुपाक्ष मंदिर के वास्तुशिल्प वैभव का अनुभव करें, जो अपनी जटिल नक्काशी और विजयनगर शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।

मंदिर का मुख्य मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें विरुपाक्ष के नाम से जाना जाता है, जो विशाल परिसर के बीच खड़े हैं।

मंदिर परिसर के भीतर विभिन्न पौराणिक दृश्यों और देवताओं को चित्रित करने वाली जटिल मूर्तियों और नक्काशी की खोज है।

विरुपाक्ष मंदिर परिसर के भीतर कई छोटे मंदिरों का अन्वेषण करें, जो पम्पा देवी और भुवनेश्वरी जैसे अन्य हिंदू देवताओं को समर्पित हैं।

सदियों से भारतीय इतिहास के गवाह विरुपाक्ष मंदिर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व में डूब हुआ है।