मांझी का जन्म 1934 में भारत के बिहार के गेहलौर गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। वह एक दूरदराज के इलाके में रहते थे। जहां निकटतम शहर एक विशाल पहाड़ी से अलग हो जाता।

दशरथ मांझी, जिन्हें "माउंटेन मैन" के नाम से भी जाना जाता है, भारत के एक असाधारण व्यक्ति थे जिन्होंने केवल एक हथौड़ा और छेनी का उपयोग करके एक पहाड़ के बीच रास्ता बनाने में दो दशक से अधिक समय बिताया।

1959 में जब मांझी की पत्नी फाल्गुनी देवी पहाड़ पार करने की कोशिश करते समय फिसल कर गिर गईं और उनकी मृतु होगी । जिससे मांझी ने रास्ता बनाने का  दृढ़ संकल्प लिया ।

इस घटना ने मांझी पर गहरा प्रभाव डाला और उन्हें इसी तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए पहाड़ के बीच से रास्ता बनाने का संकल्प लिए ।एक हथौड़ा, छेनी और दृढ़ संकल्प के साथ मांझी ने अपना महत्वपूर्ण कार्य शुरू किया।

केवल एक हथौड़ा और छेनी लेकर इन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली।

22 वर्षों परिश्रम के बाद, दशरथ के बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लाक की दूरी को 55 किमी से 15 किलोमीटर कर दिया।

मांझी के अविश्वसनीय पराक्रम ने उन्हें "माउंटेन मैन" उपनाम दिया और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई।हालाँकि 2007 में उनका निधन हो गया, लेकिन मांझी की विरासत दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती है।