23 जुलाई 1906 को जन्मे चन्द्रशेखर आज़ाद भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रमुख व्यक्ति थे।

आज़ाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) में शामिल हो गए, जिसे बाद में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचएसआरए) के नाम से जाना गया, और स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज़ाद ने 1925 की साहसी काकोरी ट्रेन डकैती में भाग लिया, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण घटना थी।

अंग्रेजों के गहन प्रयासों के बावजूद, आज़ाद पकड़ से बचने में कामयाब रहे, जिससे उन्हें "आज़ाद" उपनाम मिला, जिसका अर्थ है "स्वतंत्र"।

आज़ाद का प्रसिद्ध उद्धरण दुश्मन की गोलियों का सामना करने और स्वतंत्र रहने के उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।

1931 में ब्रिटिश पुलिस के साथ गोलीबारी में आज़ाद का जीवन दुखद रूप से समाप्त हो गया, लेकिन उनकी विरासत भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में जीवित है।

चन्द्रशेखर आज़ाद अपनी अदम्य भावना, साहस और बलिदान से लाखों लोगों को प्रेरित करते रहते हैं।