Introduction

भगत सिंह, जिनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को बंगा गांव में हुआ था, एक ऐसे परिवार में पले-बढ़े जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में गहरी जड़ें जमा चुके थे।

 Early Influences

करतार सिंह सराभा और चन्द्रशेखर आज़ाद जैसे शुरुआती क्रांतिकारियों से प्रभावित होकर, भगत सिंह की स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी कम उम्र में ही शुरू हो गई थी।

Joining the Revolutionary Movement

भगत सिंह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) में शामिल हो गए, जिसे बाद में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचएसआरए) के रूप में जाना गया, जो सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से भारत की आजादी के लिए समर्पित था।

The Central Assembly Bombing

भगत सिंह के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक 8 अप्रैल, 1929 को दमनकारी कानूनों के विरोध में सेंट्रल असेंबली में बमबारी थी।

Trial and Ideological Stand

कदमे के दौरान, भगत सिंह और उनके सहयोगियों ने अदालत को अपने क्रांतिकारी विचारों का समर्थन करने और ब्रिटिश शासन की तीखी आलोचना करने के लिए एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया।

The Assassination of John Saunders

जेल में रहते हुए, भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु के साथ, ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या में शामिल थे, जिससे बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू हुआ।

Sentenced to Death

भगत सिंह और उनके सहयोगियों को लाहौर षडयंत्र मामले में शामिल होने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी।

Martyrdom and Legacy

23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दे दी गई। उनकी शहादत ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया।

Enduring Inspiration

साहस, देशभक्ति और बलिदान के प्रतीक के रूप में भगत सिंह की विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है। उनके जीवन और विचारों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर एक अमिट छाप छोड़ी है।