बाजी राव प्रथम, जिन्हें बाजी राव बल्लाल के नाम से भी जाना जाता है, 18वीं शताब्दी की शुरुआत में मराठा साम्राज्य के प्रधान मंत्री (पेशवा) के रूप में कार्य किया गए थे।

699 में जन्मे बाजीराव प्रथम छत्रपति शिवाजी महाराज के पोते छत्रपति शाहू के शासनकाल के दौरान प्रमुखता से उभरे।

1720 से 1740 तक पेशवा के रूप में, बाजीराव प्रथम ने कई सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया, जिससे पूरे भारत में मराठा साम्राज्य का प्रभाव बढ़ गया।

उनका सबसे प्रसिद्ध अभियान 1723 का मालवा अभियान था, जहां उन्होंने मुगल साम्राज्य को हराया और मध्य भारत में मराठा नियंत्रण को मजबूत किया।

बाजीराव प्रथम ने अपने शासनकाल के दौरान विभिन्न प्रशासनिक और राजस्व सुधारों को लागू किया, पेशवा के केंद्रीय अधिकार को मजबूत किया।

बाजीराव प्रथम की सैन्य रणनीतियों, जैसे "बिजली युद्ध" या "गुरिल्ला युद्ध" ने उन्हें बड़ी दुश्मन ताकतों को मात देने और लड़ाई में जीत हासिल करने में सक्षम बनाया।

बाजीराव प्रथम  मराठा साम्राज्य और भारतीय राजनीति पर अमिट प्रभाव छोड़कर 1740 में  निधन हो गया।

एक सेनापति, राजनेता और प्रशासक के रूप में बाजीराव प्रथम का योगदान भारतीय इतिहास के इतिहास में अंकित है।