नाथूराम विनायकराव गोडसे का जन्म एक महाराष्ट्रीयन चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

नाथूराम गोडसे हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों आरएसएस और हिंदू महासभा के सदस्य थे।

गोडसे का गांधी जी से गहरा वैचारिक मतभेद था। मुसलमानों के प्रति गांधीजी के दृष्टिकोण और भारत के विभाजन से असहमत थे।

गांधी जी की हिंदू-मुस्लिम एकता की वकालत को हिंदू हितों के लिए हानिकारक मानते थे।गोडसे ने भारत के विभाजन के लिए गांधी को दोषी ठहराया, जिससे पाकिस्तान का निर्माण हुआ।

नाथूराम गोडसे, 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के लिए जाने जाते है।उनका मानना था कि गांधी के कार्यों ने हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों का पक्ष लिया।

अपने मुकदमे में कहा कि उसने गांधी की हत्या की क्योंकि उसका मानना था कि गांधी के तरीकों ने भारत को कमजोर कर दिया है।

गांधी की हत्या के लिए गोडसे पर मुकदमा चलाया गया और उसे दोषी ठहराया गया। 15 नवंबर 1949 को फाँसी दी गई।

उनके कार्यों ने बहस और विवादों को जन्म दिया जो आज भी कायम है।गोडसे को लेकर भारत में राय काफी बंटी हुई है।